प्रदेश की राजनीति में सनसनी मचाने वाले हनी ट्रैप कांड में पीड़िता ने आरोपियों को पहचानने से किया इनकार

भोपाल
 मध्य प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हल्कों में सनसनी मचाने वाले हनी ट्रैप कांड की सुनवाई में कोर्ट में अलग ही नजारा सामने आया। यहां पर मानव तस्करी का शिकार हुई महिला ने आरोपियों को पहचानने से मना कर दिया। ऐसे में मानव तस्करी के मामले के तीन आरोपी बरी हो गए। यह फैसला भोपाल में एडीजे पल्लवी द्विवेदी की कोर्ट ने सुनाया गया।

बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी आरती दयाल, श्वेता जैन और अभिषेक सिंह ठाकुर को पीड़ित महिला ने पहचानने से इनकार कर दिया। वहीं, सीआईडी भी कोर्ट में मानव तस्करी के सबूत पेश नहीं कर पाई। इसके बाद कोर्ट ने अभिषेक, आरती दयाल और श्वेता जैन को भी बरी कर दिया है। बता दें कि हनी ट्रैप केस की जांच के समय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को एक युवती की खरीद फरोख्त की सूचना मिली थी। यह तथ्य सामने आने के बाद सीआईडी भोपाल ने पीड़ित महिला की शिकायत पर मानव तस्करी का एक अन्य केस दर्ज किया था। उसके बाद 27 दिसंबर 2019 को 3 आरोपी अभिषेक, आरती और श्वेता के खिलाफ चालान पेश किया गाय और पीड़िता के साथ 11 गवाहों की सूची कोर्ट में प्रस्तुत की गई।

बता दें कि मानव तस्करी का मामला दर्ज कराने वाले फरियादी ने पुलिस को बताया था कि आरती, श्वेता जैन, अभिषेक व अन्य लोगों ने हमारी गरीबी और मजबूरी का गलत फायदा उठाया और मेरी बेटी व अन्य लड़कियों का शारीरिक व मानसिक शोषण कराया है। 29 सितंबर 2019 को पीड़ित महिला ने पुलिस को बयान दिया था कि वह नरसिंहगढ़ के एक गांव की रहने वाली है। वह गरीब थी और ग्रेजुएशन करने भोपाल आई थी। फरवरी 2019 में अभिषेक ठाकुर के संपर्क में आई। बाद में अभिषेक ने प्रेम जाल में फंसाने के बाद पत्नी की तरह रखा। अश्लील वीडियो बनाए और दूसरों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। वीडियो वायरल करने की धमकी दी। हालांकि कोर्ट में पीड़िता इन तमाम आरोपों पर कायम नहीं रही। यही कारण है कि केस के तीनों आरोपी बरी कर दिए गए।

क्या है हनी ट्रैप कांड

गौरतलब है कि 17 सितंबर 2019 को जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब हनी ट्रैप कांड सामने आया था। इंदौर में नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया पुलिस थाने में ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। उसके बाद हनी ट्रैप की परतें खुलनी शुरू हुई थी। हनी ट्रैप का जाल बिछाने वाले पुरुष और महिलाओं में भोपाल की कई रसूखदार महिलाएं भी शामिल थी। ये महिलाएं रसूखदार नेता, अधिकारी और उद्योगपति से शारीरिक संबंध बनाकर उनका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती थी। इसके बाद जब बड़े लोगों का नाम इसमें आया तो मध्य प्रदेश सरकार ने 31 अक्टूबर 2020 को विशेष जांच दल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का गठन किया था।

क्या है सीडी कांड

महिला ने नौकरी दिलाने के बहाने एक 18 साल की छात्रा से इंजीनियर हरभजन की दोस्ती करवा दी। इसके बाद फिर होटल में छात्रा ने मोबाइल फोन से इंजीनियर और महिला के सेक्स वीडियो बना लिया। वीडियो बनाने के बाद छात्रा, ने महिला और इंजीनियर को ब्लैकमेल किया। यह सिलसिला 8 महीने चला। परेशान इंजीनियर पुलिस के पास चला गया। पुलिस ने इंजीनियर से फोन करवाया और महिला को 50 लाख रुपये लेने इंदौर बुलाया। 17 अक्टूबर 2019 को महिला कार में छात्रा के साथ पहुंची। वहीं, पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। इन्होंने भोपाल की कुछ अन्य युवतियों के नाम उगल दिया।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button